दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता |
कोलकाता में माँ काली का सबसे बड़ा मंदिर दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से प्रसिद्द है जो हुगली (गंगा का दुसरा नाम) नदी के तट पर बेलूर मठ के पास स्तिथ है | यह मुख्यत बंगालियों के अध्यांत्म का प्रमुख केंद्र माना जाता है साथ ही देश विदेश से काली माँ के भक्तो की भारी संख्या भी दर्शन करने यहा आती है |
इस मंदिर का निर्माण कार्य सन् 1855 में पूरा हुआ जो महारानी रासमणि ने करवाया था |
गुरु रामकृष्ण परमहंस और उनके परम शिष्य श्री विवेकानंद जी का इस मंदिर से बहूत ही गहरा रिस्था है | कहते है की माँ काली ने साक्षात् गुरु रामकृष्ण परमहंस को इस मंदिर में दर्शन दिए थे | इस मंदिर परिसर में हुआ परमहंस देव का कमरा है, जिसमें उनका पलंग तथा उनके स्मृतिचिह्न उनकी याद में रखे हुए हैं। बाहर उनकी पत्नी की समाधी एक पेड के निचे बनाई गयी है |
इस मंदिर में 12 गुम्बद है और चारो तरफ शिव जी की 12 प्रतिमा स्थापित है | इसके अलावा भी मंदिर परिसर में अन्य देवी देवताओ के बहूत सारे मंदिर बनाये गये है |
मंदिर का मुख्य आकर्षण भीतरी भाग में चाँदी से बनाए गए कमल के फूल जिसकी हजार पंखुड़ियाँ हैं, पर माँ काली अपने अस्त्रो और शस्त्रो के साथ भगवान शिव के ऊपर खड़ी हुई हैं। नवरत्न की तरह निर्मित इस मंदिर की चोडाई 46 फुट 100 फुट ऊँचाई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें